पंजाब के लुधियाना से बड़ी खबर सामने आई है जहां पुलिस ने मेडिकल बोर्ड की जाँच में आरोप साबित होने पर PRO-LIFE अस्पताल के डॉक्टर हरप्रीत सिंह जॉली पर बड़ा एक्शन लिया है।
खबर है कि लुधियाना की सदर थाना पुलिस ने किडनी स्टोन की सर्जरी करवाने वाले मरीज की शिकायत पर एक सर्जन हरप्रीत सिंह जॉली के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोप है कि सर्जन ने लापरवाही बरतते हुए उसकी बाईं किडनी की सर्जरी कर दी, जबकि स्टोन उसकी दाईं किडनी में था।
मरीज ने पुलिस को यह भी बताया है कि सर्जरी के बाद उसे कुछ गंभीर परेशानियां हुईं, जिसकी वजह से वह 2 वर्षों से बिस्तर पर ही है। इसकी शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित डॉक्टरों के पैनल ने मामले की जांच के बाद FIR दर्ज करवाई।
राजगुरु नगर निवासी शिकायतकर्ता विनीत खन्ना (52) ने बताया कि उनका होजरी का कारोबार था। 2 साल पहले हुई सर्जरी के बाद उन्हें परेशानी हो गई, जिसकी वजह से उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा। उनके मुताबिक, उनकी दाईं किडनी में स्टोन था। वह 8 अप्रैल 2022 को खुद गाड़ी चलाकर प्रोलाइफ अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उन्हें भर्ती होने की सलाह दी। उसी दिन उनकी सर्जरी भी हुई। 15 दिन तक रहे भर्ती विनीत खन्ना के बहनोई सुभाष दुआ ने बताया कि विनीत को सर्जरी के दौरान कुछ दिक्कतें हुईं, जिसके बाद उन्हें हीरो DMC हार्ट इंस्टीट्यूट ले गए। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद डॉ. जॉली उन्हें वापस अपने अस्पताल ले गए, जहां विनीत 15 दिनों तक भर्ती रहे, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि डॉ. जॉली ने इलाज के लिए 1 लाख 10 हजार रुपए, सर्जरी के लिए 55 हजार रुपए और फिर उनके मेडिकल इंश्योरेंस से 1 लाख रुपए लिए हैं। 13 मार्च 2023 को दी शिकायत मरीज ने करीब एक साल बाद 13 मार्च 2023 को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को शिकायत दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाया। बोर्ड की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने डॉ. जॉली के खिलाफ FIR दर्ज की। मामले की जांच कर रहे ASI इकबाल सिंह ने बताया कि डॉ. जॉली पर IPC की धारा 192, 193, 417, 418 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उधर, आरोपी डॉ. जॉली ने कहा है कि पुलिस ने गलत FIR दर्ज की और डॉ. जॉली ने अपने पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है। उन्होंने सही इलाज किया और मरीज स्वस्थ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित डॉक्टरों के बोर्ड के समक्ष उन्होंने सभी सबूत पेश किए हैं। पुलिस ने गलत FIR दर्ज की है। वह इस संबंधी केस करेंगे।